एन डी देहाती: आज 15 अगस्त
आज 15 अगस्त ह। जब जब इ दिन आवेला हमके बहुते रोआवेला। कारण बा की तिरंगा के डोर खीचे वाला हाथ के हम पहिचानत हईं। देह पर स्वेत बसन धारी काला कारनामा वाला ई आत्म सेवी हाथ केतना भरष्टा चार कईले बा सब जानत बा। तिरंगा के मुस्कान के गिरवी रख के कोठी कटरा कार के लाइन लगावे वाला ई खद्दर पोश का कबो साम्राज्यबाद की छाती पर लोकतंत्र के पौध उगावे वाला ओ रणबांकुरण की पसंगो में बईठ सकेला? सहीदन की क़ुरबानी के ई समाजसेवी का जानी। स्वार्थ खातिर देश नीलाम करे के मंशा । नफरत के बोयत बीया। हिंसा के माहौल। माई बहिन बेटी के लूटत अस्मत। आकंठ भ्र्ष्टाचार में डूबल एह समाजसेवी के जयकार। बंद करीं सरकार। आखिरकार जब स्कूलन ले ही सिमित रह गईल बा 15 अगस्त त कवनो बच्चा से तिरंगा लहराईं । या कस के गाईं- इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के------।
मंगलवार, 16 अगस्त 2016
एन डी देहाती 15 अगस्त
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