रविवार, 16 नवंबर 2025

16 नवंबर 25 के अंक में प्रकाशित


जनता गोबर- ढेला फेकलसि, उहो जितल चुनाव 

मनबोध मास्टर पूछलें - बाबा! का हाल बा? बाबा बतवलें- खेला भईल, खेला अबे आगे भी होई। हजार -पंद्रह सौ में आदमी बदल जाला, पैसा की बल पर प्रधानी के चुनाव बदल जाला। बिहार में चुनाव की येन समय पर माई -बोहिन लोग की खाता में दस दस हजार आ गईल। विचार बदल गईल, बिहार जीत गईल। पहिले अस्सी लाख वोट कटा गईल। चुनाव प्रक्रिया में ही तीन लाख वोट बढ़ गईल। इ जनता ह, कब गोबर ढेला-फ़ेंकी, कब जिता देई इ लीला दईब भी ना जनलें। बिहार चुनाव की प्रचार में विजय सिन्हा चहेटल गइलें, गोबर-ढेला फेंकाईल लेकिन जब वोट गिनाईल त जय जयकार। जवन प्रशांत किशोर दूसरा के जितवला के ठेका ले ले के रणनीति बनावत रहलें, अपने रणनीति में फेल हो गईलें। पी के की हरला से पियक्कड़ दुखित हवें काहें की उ दारू पर रोक हटवावे के कहले रहलें। पीके की हरला पर सबसे ज्यादा खुश शराब तस्करी की व्यवसाय में लागल लोग बा। धंधा अब मंदा ना रही। 
राघोपुर आ रघुनाथपुर पर रामभक्तन के दाल ना गलल। राघव आ रघु के नाम भी काम ना आईल। दुनों सीट हरावे खातिर बड़े-बड़े लोग के भाषण भईल, पवित्र नाम की जगह पर अपबीत्तर लोग ना जीत पावें एकरा खातिर एड़ी चोटी के दम लागल। लेकिन दुनों प्रत्याशी दमदार निकललन। कई बड़े लोगन की असर के बेअसर कर के दुनों जगह "लड़ाकू लड़िका" जीत गईलें। अलीनगर में बजे लागल - राम आएंगे आएंगे राम आएंगे...। भजन भाव भक्ति में कच्ची उम्र के बच्ची के जीत हो गईल। मैथिली ठाकुर नाम के दूबर -पातर गायिका के विधायक बनल देख के नेहा का बुझा गईल होई कि बिहार में का बा? छपरा में "लौंडा नाच" ना चलल। सिलवट पर लोढ़ा से जवानी कूँचत खेसारी लाल राजनीति की मच्छरदानी में  मजा ना ले पवलें। 
नितीश जी के गठबंधन जीत गईल। सवाल इ बा कि का दसवीं बार चचा मुख्यमंत्री पद के शपथ लीहें कि अबकी गच्चा खा जइहन। अब येही बात पर माथा पच्ची चलत बा। 
फेरू मिलब अगिला हफ्ते, पढ़ल करीं रफ्ते रफ्ते...


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