सोमवार, 3 जनवरी 2011

मन्त्री जी अइलें वसूले खातिर जर्ती..

गेहूं की पिसायी में जर्ती कटला के बात रउरा सभे सुनले होइब। जर्ती एक प्रकार के वसूली ह। जब आदमी पिसात होखे त जर्ती कइसे कटाला, इ बात गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ की बात से जनलीं। दरअसल पूरा पूर्वांचल नवकी बेमारी से त्रस्त बा। कुछ लोग ऐके जपानी बुखार त कुछ जेयी कहत हवें। मेडिकल कालेज में लगभग तीन सौ बच्चा लोग मच्छर ससुरन की कटला से भर्ती हवन। येह साल तकरीबन ढ़ायी सौ लाश मेडिकल के बहरियाइल जवन इंसेफेलाइटिस से पीड़ितन के रहल। गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर ही ना बलिया, बिहार, आजमगढ़ आ मऊ के मरीज भी एइजा मरे खातिर आवत हवें। मेडिकल कालेज में बेड के इ हाल बा एक-एक पर तीन-तीन। सोमवार के स्वास्थ्य मंत्री अनंत मिसिर जेयी पर लेयी लगावे आइल रहलन। अफसरन-डाक्टरन से बइठक कइले, फुर्र हो गइलें। अइसन संवेदनहीन, कठकरेजी मंत्री हम ना देखलीं। मंत्री जी ! रउरा भगवान ना हयीं कि मेडिकल कालेज में मरत लरिकन के बचा लेइब। मेडिकल कालेज में जइतीं त जवन मायी-बाप अपनी बच्चन के लेके भर्ती हवें उनकी पीड़ा पर कुछ मरहम लागि गइल रहित। उजरत कोख पर आंसू बहावत मायी-बोहिन लोग के आंसू पोछि दिहले राउर अंगोछा मैला ना हो जाइत। रउरा, माथे पर हाथ धइले कवनो अइसन बाप जवना के उत्तराधिकारी लेबे वाला बेटा ना बचल ओकरा माथा पर आपन हाथ भर रख देतीं त उ संतोष के सांस लेइत। लोग रोवत बा, फेंकरत बा। लइका मरत हवें। लाश बहरियात बा। दवा करावत में गहना-गुरिया, खेती-बारी बिकाता। लेकिन राउर ‘हाथी छाप’ सरकार ‘डाढ़ा खाइल आ लीद कइल’ में ही सीमित बा। लोग के लइका मरि गइल, राउर संवेदना मरि गइल। मुअल मनयी के सूतक सांसत में डाल देला। दया भाव देखइतीं त दुआ मिलित। रउरा अइलीं, गइलीं। लेकिन गोरखपुरिहन के झकझोर गइलीं। सदर सांसद योगी आदित्यनाथ कहलन कि मंत्री जी गोरखपुर में वसूली करे आइल रहलें। योगी कहलें कि क्षेत्र में आके मेडिकल कालेज ना गइलें इ त बेशर्मी के हद बा। नगर विधायक डाक्टर राधामोहन दास अग्रवाल कहलन कि मंत्री गैर जिम्मेदार हवन। उनकी में ना र्इमानदारी बा, ना संवेदना। हम त इहे कहत आपन बतकही बंद करत हयीं हे अनंत! राउर कथा अनन्ता मेडिकल कालेज भरोस भगवंता।

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