गुरुवार, 30 जून 2011
मनमोहन सिंह ने इस धारणा को खारिज किया कि वह ‘कमजोर प्रधानमंत्री’ हैं
मनमोहन सिंह ने इस धारणा को खारिज किया कि वह ‘कमजोर प्रधानमंत्री’ हैं। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी सौंपने वाली कांग्रेस पार्टी ने उनके बारे में कभी कोई ‘उल्टी बात’ नहीं कही। उन्होंने कहा कि मैं कतई लाचार नहीं हूं। सरकार ने जो कुछ खराब किया है, मैं उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। उन्होंने यह सब इस सवाल पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही ‘सब कुछ तय करती हैं’ और वह लाचार हैं, ऐसी आम धारणा है। सिंह ने अपनी सरकार को ‘निष्क्रिय’ और ‘कमजोर’ बताए जाने को विपक्ष का चतुराई भरा दुष्प्रचार बताया और कहा कि मीडिया का एक वर्ग भी इसके प्रभाव में आ गया।
एक सवाल का जवाब दो पी ऍम साहब -
तो क्या मीडिया का सर ही है ठीकरा फोरने के लिए
-नर्वदेश्वेर पाण्डेय , रास्ट्रीय सहारा , गोरखपुर
बुधवार, 29 जून 2011
पीलिया फैलाते दुश्मन
गोरखपुर में पानी के पाउच की अवैध फैक्ट्री पकड़ी गई
गोरखपुर में पीलिया फ़ैलाने वाले दुसमन भी रहते है . मिलावट के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत 28 जून 2011 को प्रशासन की ओर से नगर मजिस्ट्रेट जेपी सिंह ने खुर्रमपुर मोहल्ले में ग्लोबल ट्रेडर्स नाम की पानी पाउच अवैध फैक्ट्री पकड़ी,इसका कोई लाइसेंस नहीं था। यहाँ के पौउच का पानी भारतीय मानक ब्यूरो के मानक पर खरा नहीं था । मालिक द्वारा अवैध तरीके से पाउच में पानी भर कर वर्षो से जनसामान्य के सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। नगर मजिस्ट्रेट के साथ पहुंचे खाद्य निरीक्षकों ने पानी के दो नमूने लेने के साथ पन्द्रह बोरी पानी भरा पाउच जब्त कर लिया। साथ ही मशीन को सील कर दिया। इसी क्रम में खाद्य निरीक्षकों की टीम ने इण्डस्टि्रयल एरिया लच्छीपुर में स्थित हाली डे आइसक्रीम की फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां मिलावट की आशंका में आइसक्रीम व आइसकैण्डी के दो नमूने लिए गए। नमूनों को जांच के लिए लखनऊ प्रयोगशाला भेजा जाएगा, जहां से रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई सुनिश्चत की जाएगी। टीम में खाद्य निरीक्षक शिव कुमार मिश्र, इन्द्र रतन यादव, चन्द्रभानू, जय प्रकाश, अमरदेव कुशवाहा आदि शामिल रहे।
कैसे फैलता है पीलिया
पीलिया मुखयतः जल जनित बीमारी है . ख़राब खान -पान या प्रदूषित पानी के सेवन से पीलिया होता है .
रोग के लछन ; आख व नाखून पीले होना . बुखार रहना .भूख नहीं लगना.पेशाब पिला होना .थकन व कमजोरी .
वचाव के इंतजाम ; पानी स्वच्छ व उबाल केर पिए .साफ -सफाई पैर ध्यान दे .ताज़ा व गरम भोजन करे .गरिस्ट खाना न खाए .
शनिवार, 25 जून 2011
कोई माने या न माने डा. सचान की तो हत्या ही हुई है !
उप्र सरकार भले ही डिप्टी सीएमओ डा.वाईएस सचान की मौत को फिलहाल हत्या मानने को तैयार न हो, लेकिन गुरुवार को पोस्टमार्टम की जो रिपोर्ट सामने आई है, वह डा. सचान की हत्या होने की तरफ इशारा कर रही है।इस हत्या में सरकार के बरे नेताओ के हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता . पोस्टमार्टम में डा. सचान के शरीर में नौ चोटें पाई गई हैं, जिनमें आठ धारदार हथियार की हैं और एक गले में फंदे की है। डा. सचान की मृत्यु का कारण अत्याधिक रक्त स्राव बताया गया है। सचान के शरीर पर जो आठ चोटें हैं, वह मौत से पहले के (एंटी मार्टम इंजरी) हैं, जबकि गले में फंदे की चोट मृत्यु के बाद (पोस्टमार्टम इंजरी)की है। डा. सचान की गर्दन पर दो, दो दायीं कोहनी, दो बायीं कोहनी, एक दायीं जांघ के ऊपर और एक बाई कलाई पर चोट पाई गई है। यह रिपोर्ट ही गले में बेल्ट बांध कर आत्महत्या करने की थ्योरी पर सवालिया निशान खड़ा करती है। सवाल उठ रहा है कि डा. सचान ने अपने शरीर में इतने घाव क्यों किए? वह डाक्टर थे, उन्हें अच्छी तरह मालूम था कि एक नस ही उनकी मौत की वजह बन जाएगी। अगर उन्होंने ऐसा किया भी है तो इस सवाल का जवाब भी किसी के पास नहीं है कि आठ जगह नस काटने के बाद कोई व्यक्ति कैसे फंदा लगाकर आत्महत्या करेगा? पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सचान की मौत बुधवार की सुबह साढ़े दस से दोपहर 12 बजे के बीच हुई।मेरा मनना है की दिपत्टी सी ऍम ओ की हत्या का राज खुलने के भय से सफ़ेद पोस नेतायो ने डा.वाईएस सचान की हत्या करा दी . कारागार में हुइ इस हत्या में जेल अधिकारिओ का भी हाथ है . सी बी आइ की जाच के बाद की इस रहस्य से पर्दा हटेगा .
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