शनिवार, 25 जून 2011

कोई माने या न माने डा. सचान की तो हत्या ही हुई है !

उप्र सरकार भले ही डिप्टी सीएमओ डा.वाईएस सचान की मौत को फिलहाल हत्या मानने को तैयार न हो, लेकिन गुरुवार को पोस्टमार्टम की जो रिपोर्ट सामने आई है, वह डा. सचान की हत्या होने की तरफ इशारा कर रही है।इस हत्या में सरकार के बरे नेताओ के हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता .  पोस्टमार्टम में डा. सचान के शरीर में नौ चोटें पाई गई हैं, जिनमें आठ धारदार हथियार की हैं और एक गले में फंदे की है। डा. सचान की मृत्यु का कारण अत्याधिक रक्त स्राव बताया गया है। सचान के शरीर पर जो आठ चोटें हैं, वह मौत से पहले के (एंटी मार्टम इंजरी) हैं, जबकि गले में फंदे की चोट मृत्यु के बाद (पोस्टमार्टम इंजरी)की है। डा. सचान की गर्दन पर दो, दो दायीं कोहनी, दो बायीं कोहनी, एक दायीं जांघ के ऊपर और एक बाई कलाई पर चोट पाई गई है। यह रिपोर्ट ही गले में बेल्ट बांध कर आत्महत्या करने की थ्योरी पर सवालिया निशान खड़ा करती है। सवाल उठ रहा है कि डा. सचान ने अपने शरीर में इतने घाव क्यों किए? वह डाक्टर थे, उन्हें अच्छी तरह मालूम था कि एक नस ही उनकी मौत की वजह बन जाएगी। अगर उन्होंने ऐसा किया भी है तो इस सवाल का जवाब भी किसी के पास नहीं है कि आठ जगह नस काटने के बाद कोई व्यक्ति कैसे फंदा लगाकर आत्महत्या करेगा? पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सचान की मौत बुधवार की सुबह साढ़े दस से दोपहर 12 बजे के बीच हुई।मेरा मनना है की दिपत्टी सी ऍम ओ की हत्या का राज खुलने के भय से सफ़ेद पोस नेतायो ने डा.वाईएस सचान की हत्या करा दी . कारागार में हुइ इस हत्या में जेल अधिकारिओ का भी हाथ है . सी बी आइ की जाच के बाद की इस रहस्य से पर्दा हटेगा .

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