बुधवार, 1 फ़रवरी 2012

चामे की धोकरी की खातिर , कुक्कुर भी भईलन तइयार

हमरा उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र के महापर्व चलत बा . जनादेश २०१२ पर बहस जारी बा . अयिसने माहौल में एक जने सघतिया पुछले - देहाती बाबा ! के के वोट दियाई ? हम कहली - वोट अपनी मत ( विचार ) के चीज़ ह, तोहार जहा विचार बने ओकरा निशान पर बटन दबा दिहअ . उ कहले - तब्बो राउर का विचार बा ? हम कहली - हमार विचार पूछत हव टी सुनअ -
जागी - जागी वोटर भईया , सुनली मोर पुकार .
बटन दबा दी , मनमाफिक , लोकतंत्र के इ तिहुयार .
वोट के अपनी बुझी कीमत , बहुत जरुरी , बाद दरकार .
रउरे कृपा से गूंज रहल बा , लोक तंत्र के जय जय कार .
कईसन कईसन जनसेवक है , रउरी सेवा में तइयार .
चामे की धोकरी की खातिर , कुक्कुर भी भईलन रखवार .
केकर केकर नाम गिनाई , रउरी सामने सेजरावार .
विधायक बनि ह्त्या कईले , मंत्री बनि के बलात्कार .
अफसर लोग वसूली कईलन , अयिसन भी देखली सरकार .
ओकरा पहिले वोहू के देखली , जेकर पार्टी ही परिवार .
भाई भतीजा बेटवा शासक , उज्जर कालर वाला दमदार .
बढ़ल गुंडई जेकरा राज में ,गाव गाव लाठी फूटे कपार .
ओकरा पाहिले देखली रउरा, धरम करम के ठेकेदार .
 उनकी हाथ ठगईली हमहू ,बहुत लगवली जय जयकार .
अवर मुड़ी कुछ पीछे देखी, पीढ़ी दर पीढ़ी मजदार.
नाना दादी बाप बखानी ?अब घुमे ले राजकुमार .
मम्मी जेकर राज चलावे , ओकरा हाथे में सरकार .
येह चारो की बाद भी बाडन, कुक्कुर कौआ और सियार .
भो- भो, काव- काव, हुआ- हुआ, गूजे सरेह बांगर कछार .
कुछ वोट कटवा , कुछ नोट झरवा . कुछ छोटे छोटे सरदार .
टिकट की खातिर इज्जत मांगे , अयिसन भी सुनली समाचार .
अब रउरा तइयार हो जाई , सुनी गुनी चुनी उमिद्द्वार.
कहे देहाती राउर मर्जी , कईसन चुनब अबकी सरकार .

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