नगर -डगर की बात/एन डी देहाती
रउरी कागजे में चकाचक, हम भुभुन फोड़वावत बानी
मनबोध मास्टर मोटरसाइकिल पर टिकावल-बन्हावल मेहरी के बईठवले ससुरारी चल दिहलें। मसटराईन मिठाई के डिब्बा आ रखौनी के लिफाफा हाथ में लिहले मगन रहली। आज भाई के राखी बन्हाई में मोटहन नेग लिआई, इहे सोचत रहली तवले हचाक दे सड़क की गड़हा में गाड़ी सहित दुनों प्रानी उलट गईलें। मास्टर के पतलून, मस्टराईन के लहंगा लेवठा गइल। रखौनी पानी मे पवरत रहे आ मिठाई भुरकुस होके कानो-माटी में सना गइल। दुनों जने के जतरा खराब। घरे लौटत मसटराईन चालू हो गईली-आव दहीजरा के नाती वोट मांगे, तोर माटी लागो। तोके भवानी माई उठा ले जा.....। और भी बहुत तरीका से विधायक जी के गरिआवत, धिधिकारत रहली। मास्टर भी सड़क की खराब हाल पर दुखी हवें। कई जगह सड़क खराब भईला की चलते लोग सरकार के कोसत बा। एम पी -एम एल ए के नखादा बतावत बा। पक्का रास्ता रहल। अब कच्चा से भी बदतर हो गइल। ठेकेदार आ इंजीनियर की डंडीमार व्यवस्था आ नेतन की कमीशनखोरी की चलते पगडंडी से भी बाउर भईल सड़क के गजब हाल बा। असों के पानी भी गजब कमाल कईले बा। पलक झपकावते पहुंचे वाला लोग अस्पताल पहुंच जात हवें। सरकारी दावा के हवा निकल गइल बा। ए सबकी बावजूद भी खराब सड़क के बहुत फायदा बा। जेईसे-अब गतिरोधक बनवला के कवनो काम ना बा। गाड़िन के एवरेज कम भईला से महंगा तेल के बिक्री बढ़ल बा। सड़क की गड़हा में गिरला पर नजदीक के झोला छाप डाक्टरन के भी दुकान तरक्की पर बा। दवाईं की दुकान पर मरहम, पट्टी, सुई दवाईं के बिक्री बढ़ल बा। फेचुकर फेकले गाड़ी से मिस्त्री आ पार्ट पुर्जा बेचे वालन के भी चांदी बा। यातायात के भीड़ कंट्रोल कईला में भी गड़हेदार सड़क के बड़ा योगदान बा। सड़क की गड़हा में लगल पानी में मुँह देखीं सभे अब शीशा देखला के जरूरत ना पड़ी। पैदलीहन के सड़क क्रॉस कईला में अब कवनो दिक्कत नईखे। जूता-चप्पल एक हाथ मे उठायीं आ दूसरा हाथ से फुफती उठवले हेल जाईं। वासिंग पावडर के बिक्री में बढोत्तरी में भी कीचड़ आ गड़हावाली सड़क के बहुत योगदान बा। अब सरसरात जात मनई जब भरभरा के गीरत हवें त कुछ दिन अस्पताल सेवा की बाद ऊपर पहुँचत हवें। जनसंख्या नियंत्रण में भी खराब सड़क के योगदान बा। क्षेत्र की सड़किन की हाल पर बस इहे कविता लहत बा-
डेग-डेग पर गड़हा-गुड़ही, जामे भरल बा पानी।
कानो-कीचड़ में हाफ़त-पाकत, रोज के आना जानी।।
रउरी कागजे में चकाचक, हम भुभून फोड़वावत बानी।
कहें देहाती चारों ओर बा, सड़किन के इहे कहानी।।