आपने लकड़ी की नाव देखी होगी और उसके बारे में सुना भी होगा लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक शिल्पकार ने पत्थर की ऐसी नाव बनाई है जो तैर भी सकती है.
लगभग एक साल की मेहनत के बाद दीपक विश्वकर्मा ने ग्वालियर सेंड पत्थर की नाव बनाई है.
दीपक की यह नाव है तो पत्थर की लेकिन तैरती ठीक लकड़ी की नाव जैसी है.
इस नाव में राम, लक्ष्मण, सीता सवार हैं तथा उसे केवट चला रहा है.
पत्थर की नाव पानी पर कैसे तैरती है,
इस पर दीपक का कहना है कि रामायण में भगवान राम की सेना को रामेश्वर को पार करना था तो हनुमान की बानर सेना ने पत्थर पर सिर्फ राम का नाम लिख दिया था, फिर वह तैरने लगा था.
वह कहते हैं कि यह राम के नाम का प्रताप था कि पत्थर भी तैरने लगा था.
दीपक के मुताबिक यह नाव दो फुट लम्बी तथा नौ इंच चौड़ी है. इसको बनाने में 70 हजार की लागत आई है.
वह कहते हैं कि नाव का संतुलन बनाने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करना पड़ी.
संतुलन बनाने के लिए तीन माह तक कड़ी मेहनत करने के बाद वह पूरी तरह पत्थर से बनी इस नाव को पानी पर तैराने में सफल रहे. दीपक द्वारा बनाई गई इस पत्थर की नाव का दिल्ली की प्रदर्शनी के लिए भी चयन हुआ है. इस बात को लेकर दीपक व उनका परिवार काफी उत्साहित है.
- sahara samay
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