गुरुवार, 14 जुलाई 2011

धावत धोती ढील भई, सात रेस कù कोर्स



 mai bahut sapna sajaya tha, mere neta lalu ji ko kendriya mantrimandal me mantri pad milega,lekin kangressiyo ne aisa nahi kiaya. mai dipreson me dusra sapna dekhne laga....
लालू और पासवान एक दूसरे की कान्हे पर हाथ रखले, दिल्ली की राह पर गुनगुनात रहलें- ‘दो दिवाने दिल के.’। दिल्ली में ‘सिंह इज किंग’ कù मंत्रीमंडल विस्तार कù खेल होत रहल। लालू बीच राहि में ही पासवान के भुलकी मार के दस जनपथ पहुंच गइलन। पासवान गावे लगलें- ‘लालू भइया, तू बड़ा दगाबाज निकला’। हांफत-डांफत पासवान भी दस जनपथ पहुंचले, एकरा पहिले ही लालू सात रेस कोर्स में डेरा डाल के गुनगुनात रहलें-‘रेल मंत्री हो जइहे भइया तोहरे लालू, एसी में चलिहù जा टिकट लेके चालू’। येही बीचे मनमोहन विस्तार की नाव पर ‘कुछ साफ-सफाई, कुछ नया धराई’ कù कोरम पूरा कù दिहलन। लालू-पासवान दूनो की अरमान पर पानी फिर गइल। पासवान दाढ़ी खजुआवत कहलें‘ . आ जइहन जब नीक दिन, बनत न लगिहे देर’। लालू मुड़ी निहुरवले रास्ता में मिललें। पासवान बोललें-लालू भया, तोहरे वजह से हमरो काम खराब हो गइल। देश में चारो ओर भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार के शोर होत बा, येह बीचे तूं काहे कù मंत्री बनला के सपना देखे लगलù। लालू बोललें-चुप्प बुड़बक। जरला पर फोरन डारत हवे। चलù हम खटाल खोल लेत हई, तू ताड़ी कù दुकान। इ नेतागीरी-ओतागीरी छोड़ दिहल जा। पासवान समझवलें- वक्त के नजाकत समझù लालू भइया। हम्मन से खाली नेतागीरी कù दुकान चल सकेले। पासवान दिल्ली में ही रहि गइलें, लालू पटना अइलें। अपने घर की गेट पर ज्यों पहुंचलें,त्यों मलकिन से भेंट हो गइल। मिसिरी अइसन बोली आज बंदूक की गोली अइसन निकरे लागल। आ गइलें रेल मंत्रालय लेके.। मंत्रालय हाथ में रहे तù हमरे नैहर ले रेल लाइन दौरावत रहलें.। देवरिया से हथुआ ले छुकछुकिया चलावेवाला रहलें.। गइल रहलें हंù दिल्ली.। आठ करोड़ बिहारी लोग के नाक कटा दिहलें.। हाथ पसरलें.।  हम बेर-बेर बरिजत रहलीं., सोनिया की शरण में गइले कुछ ना भेटाई., राहुल के पकड़ù., सरकार में उनहीं के चलता.। कहत रहलें, राहुल चार दिन कù लवंडा से हम बात नहीं करेगा। लालू बोललें-ए बकबकाना बंद करù.., हम बिहार में ही अलख जगायेगा.., पार्टी को मजबूत करेगा.., कांग्रेस को उसकी औकात बतायेगा..। पांड़े बाबा कविता गुनगुनात रहलें- रावड़ी अंगारा हुई, ऐसा समय का खेल। मनमोहन विस्तार में लालू हो गये फेल।। दस जनपथ मिलते रहे,बहुत लगाये सोर्स। धावत धोती ढील भई सात रेस कù कोर्स।। पासवान ने तुरत मढ़ा, लालू पर एक आरोप। दोस्ती में अलकतरा लगा दिया तू छूरा घोंप।। अपने तो डूबे भया, हमको दिये डूबाय। आठ करोड़ बिहारी भइया मंद-मंद मुसकाय।।

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