बाबुजी हमरा के ओइजा ना बिअहब,
जवना घरे बनल ना होई लैटिनिया।।
देखीं महराजगंज प्रियंका सखी का कइली,
ससुरा के छोड़ मायका गइल दुलहिना।
सौम्या अग्रवाल जिलाधिकारी ओइजा के,
ब्रांड अंबेस्डर के कइली घोषनिया।।
संतकबीर नगर की मेहदावल क्षेत्रे में,
बढ़या ठाठर गांव के दुसरकी कहनिया।
येही शौचालय की कारन ही ससुरा त्याग,
नैहर में लौट गइली ज्योति दुलहिनिया।।
कुशीनगर में बहू विदेह कइली, माहुर
खाके मिटावल चहलीं जिन्दगनिया ।
हाटा कोतवाली के लालीपार गांव में, येही
दुखे प्रियंका कइली नदनिया।।
बोलीं बेटाबालन से आपन डिमांड देखें, दान आ
दहेज देखें बड़की रकमिया।
समधी बन सीना फुलावला से पहिले, शौचालय बनवावें
अपनी मकनिया।।
बड़का खानदानी गुमानी अभिमानी, चाहें बावन बीघा बोआइल होखे
पुदनिया।
डूबी जाई पगड़ी, मोछियो उखड़ जाई, जहिया दिन घरवा से भागि जाई
कनिया।।
शादी बियाहे में बहुते प्रदर्शन बा, गाड़ी-घोड़ा, खान-पान,
नचनिया-बजनिया।
मंगन दहेज के लुटावत हवें पइसा, गारि लिहलें बेटिहा से
एडवांस में रकमिया।।
सुनीलां की जेल में भी बनल शौचालय बा, ओकरा घर जेल से
भी बदतर कहनिया।
सौ गो बेमारी धरी एके बाथरूमें बिन, रोइ रोइ बाबुजी से
कहेले बबुनिया।।
बाबुजी हमरा के ओइजा ना बियहब, जवना ना घरे बनल होई
लैटिनिया।
-नर्वदेश्वर पाण्डेय देहाती का यह भोजपुरी लेख राष्ट्रीय सहारा के 24 मई 2012 के अंक में प्रकाशित है .
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गुरुवार, 24 मई 2012
बाबुजी हमरा के ओइजा ना बिअहब..
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