देवरिया के पड़ोसी जिले मऊ के मधुबन क्षेत्र में 4/8/11 को जगुआर के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान हुए धमाके के बाद आतंकी वारदात की आशंका से हर कोई सहम गया। घटनास्थल से 10 किमी की परिधि में जिंदगी की रफ्तार मानो थम गई थी। भागलपुर में शोर मचा की आतंकी बम गिरा रहे है . चारो तरफ भगदर मच गयी . किसी अनहोनी व आतंकी हमले का भय लोगों में समा गया। पता चला मऊ जनपद के मधुबन थानांतर्गत ग्राम ढिलई फिरोजपुर में दिन के 12.05 बजे अचानक तेज धमाके व आग की उठती लपटों को देखा गया। जैसे ही लोगों को सूचना मिली कि एयरफोर्स का विमान गिरा है, लोगों की भागदौड़ थमी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दुर्घटना के चंद मिनट पहले 3 किमी की दूरी पर ग्राम पहाड़ीपुर के समीप ही विमान से आग की लपटें निकलती दिखीं। विमान अनियंत्रित होकर पास के ही 33 हजार वोल्ट के विद्युत तार व पीपल के पेड़ से टकराते हुए ढिलई फिरोजपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
यह नियमित अभ्यास उड़ान पर गोरखपुर एयरबेस से उड़ा था . दुर्घटना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ पांडेय और खेत में कम कर रही युवती रूमा (20) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, पिता नागेश्वर सहनी, मां और एक अन्य बुरी तरह से घायल हो गए हैं।
दुर्घटना में जान गवाने वाले पायलट सिद्धार्थ पांडेय के पिता अभय नरायण पांडेय आईटीआई मनकापुर गोंडा में वित्त अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। माता रीता पांडेय गृहणी हैं। छोटी बहिन श्रेया उर्फ सांची पांडेय (22) गाजियाबाद से एमबीए कर रही है। सिद्धार्थ माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। सिद्धार्थ ने आईटीआई मनकापुर के सेंट माइकल स्कूल से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। वह वर्ष 2002 में एनडीए में चयनित हुए। 2005 में उन्हें पहली तैनाती भुज गुजरात में मिली। इसके बाद उनका स्थानान्तरण अंबाला कर दिया गया जहां से पांच जुलाई को गोरखपुर स्थानान्तरित कर दिए गए। सिद्धार्थ अभी अविवाहित थे। अभय नारायण पांडेय मूल रूप से इलाहाबाद के अल्लापुर मोहल्ला के निवासी हैं। घटना के कुछ ही समय बाद हेलीकाप्टर से पहुचे सेना के जवान पायलट सिद्धार्थ पांडेय का शव लेकर चले गए .
मधुबन की खबर के साथ
नर्वदेश्वर पाण्डेय देहाती
rastriya sahara , gorakhpur
बम कभी कही फटता है तो सभी पहले यही सोचते है की पाकिस्थान का हाथ है लेकिन हाथ तो अमेरिका का होता है
जवाब देंहटाएं१ साल पहले गोरखपुर में एक जोरदार आवाज़ हुई थी लेकिन आज तक किसी को नहीं मालूम चला आखिर हुआ क्या था?
ब्लॉग्गिंग का अच्छा अनुभव , बधाई !
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