गोरखपुर के फर्टिलाइजर खाद कारखाना परिसर में पनाह लेने वाला तेंदुआ आखिरकार 21 वें दिन रविवार को भोर में पिंजरे में फंस गया। गत 11जुलाई से उसे पकड़ने का प्रयास हो रहा था . अन्ततह ८ अगस्त को वन विभाग को कामयाबी मिली .कई दिनों से भूखे तेंदुए ने बकरी को देखा तो भूख शांत करने के लिए झपट्टा मारा ,बकरी बेचारी की जान गयी, लेकिन तेंदुआ फस गया । .नागरिको को दहशत से मुक्ति मिली।
फर्टिलाइजर के सुरक्षा गार्डो ने भोर में तेंदुआ को पिंजरे में फंसा देखा। समीप ही बकरी मरी पड़ी थी। पिंजरें में बंद हो जाने के कारण तेंदुआ गुस्से में था. सूचना पाकर `डीएफओ ए.पी. त्रिपाठी,रेंजर शैलेन्द्र चतुर्वेदी, रेंजर सुरेश राम, वन दारोगा अमरनाथ सिंह, एसडीओ मूलचंद वन कर्मियों के साथ फर्टिलाइजर पहुंच गए।
जिलाधिकारी संजय कुमार भी मय फोर्स फर्टिलाइजर पहुंच गए। इसके बाद लखनऊ से तेंदुआ को बेहोश करने के लिए डाक्टर की मांग की गयी। शाम करीब पांच बजे लखनऊ से डाक्टरों की टीम व सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग की टीम भी आ गयी। ट्रक पर जरिए क्रेन तेंदुआ को बिना बेहोश किये लादा गया। हालांकि इसमें दो घंटे लगे। वन कर्मियों ने भी काफी मशक्कत की तब कहीं जाकर शाम सवा सात बजे तेंदुआ ट्रक पर लादा जा सका। करीब साढ़े सात बजे तेंदुआ को लेकर ट्रक भारी पुलिस बल व वन कर्मियों के साथ सोहगीबरवा को रवाना हुआ।
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तेंदुआ देखने उमड़ी भीड़
इक्कीस दिन से रातों की नींद उड़ाने वाले तेंदुआ को भर आंख देखने के लिए क्षेत्र की जनता दिन भर फर्टिलाइजर गेट पर जमी रही। हालांकि शाम तक जमे रहने के बाद भी वह तेंदुआ को नहीं देख पायी और निराश लौटी। शाम सवा सात बजे तेंदुआ ट्रक पर लादा गया । करीब साढ़े सात बजे तेंदुआ को लेकर ट्रक भारी पुलिस बल व वन कर्मियों के साथ सोहगीबरवा को रवाना हो गया . और जनता दूर से तमाशा वीन रही ,उसे तेंदुआ का दर्शन नहीं हुवा .
van vibhag wale to kahte the shahar me kaise aayega tenduaa, ab to pust ho gaya.
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