बुधवार, 17 अगस्त 2011

गांव-गली-मुहल्ला, बस अन्ना के हल्ला

17 अगस्त के पहिला बेर अखबार के पन्ना से गायब हो गइलन प्रधानमंत्री। लालकिला की प्राचीर से दिहल भाषन आ स्वतंत्रता दिवस से जुड़ल समाचार भी गायब हो गइल। पंद्रह अगस्त तù स्वाधीनता दिवस रहल, आजादी की जश्न में खूब लहरल तिरंगा लेकिन 16 आ 17 अगस्त के भी देश में तिरंगा के लहरल कम ना भइल। इ असर रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग ऊर्फ दूसरी आजादी की लड़ाई के। एक ओर सरकार व कलमाडी समर्थक त दूसरे ओर अन्ना समर्थक। गांव-गली-मुहल्ला, बस अन्ना के हल्ला। येही हल्ला में हमरा आल्हा गावे के मन कइलसि, तब सुनिलौ पंचों ध्यान लगाय..
गांधी जी अंगरेज भगवलें, जय प्रकाश जुल्मी सरकार। 
अन्ना चच्चा उठवलें मुद्दा,भगाई सभे अब भ्रष्टाचार।। 
अनशन के जब भइल घोषणा, क्रूर भइल यूपीए सरकार।
सात बजे अले सुबह ही, ढाई सौ पुलिस मयूर बिहार।।
जेपी पार्क पर गइला की पहिले, अन्ना टीम भइ गिरफ्तार। 
आक्रोश देश में उबलल, बोललसि टीवी इ समाचार।। 
शिक्षक छात्र वकील जगलें, सोशल साइट मैसेज मार।
यूपी एमपी महाराष्ट्र का, जम्मू असम झारखंड बिहार।। 
अमेरिका में इंडियन पढ़वइया, दूतावास पर डेरा डार। 
उपवास पर बैठ के गरजें, जल्द मिटा दो भ्रष्टाचार।। 
गोरखपुर में नारेबाजी, टाऊनहाल धरना बरियार। 
देवरिया में अधिवक्ता लोग, कइलन कोर्ट के वहिष्कार।।
बस्ती संतकवीर बा जागल, कुशीनगर कहे ललकार।
रहे विरोधी बउरहवा बाबा, उहो समर्थन में तैयार।।
देश में बहल अन्ना के आंधी, चौरंगी बहि गइल बयार। 
बढ़ल दबाव देश की अंदर, घुटना टेक दिहलसि सरकार।।
रिहाई के गइल परवाना, अन्ना कइ दिहलें इनकार।
छीछालेदर कांग्रेस के, थू थू मचल बा गांव जवार।।
चोरवे चुगले चिमचे कुकुरे, मुहं ओरमवले भये लाचार।
अबौ जेकर खून ना खउलल, ओकरा जियला के धिधकार।।

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