हेलमेट लगाई, तब प्रेसवार्ता मे जाई.....
बुखारी का ‘बुखार’ हो गइल बा। ज्वर जब ज्यादा चढ़ि जाला तs मनई असमान्य हो जाला। ज्वर से पीडित कई लोग बउरा जालें। अइसन लोग के ‘दवाई’ के जरुरत पड़ेला। अब सवाल इ बा कि बुखारी साहब कs बुखार के उतारी? हजरतगंज कोतवाली में दर्ज एनसीआर(323,506) से उनकर कवन ‘रोआं’ टेढ़ हो जाई। गनीमत बा, बुखारी साहब आपन आपा खो के अपनी ही बिरादरी के पत्रकार मोहम्मद वहीद चिश्तीसे मारपीट कइलन। बात लखनऊ की गोमती होटल के हs। दिल्ली के जाम मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सय्यद अहमद बुखारी के प्रेस कांन्फेस चलत रहल। ‘दास्तान-ए-अवध’ के सम्पादक मोहम्मद वहीद चिश्ती सवाल दागि दीहलें- ‘जब 1528 की खतौनीमें अयोध्या के विवादित भूमि राजा दशरथ के नाम से बा, तs आप दशरथ की बेटा राम की नाम पर जमीन काहें ना दे देत हई।‘ सवाल तीर अइसन बुखारी कि करेजा में धंसि गइल। उ संपादक के कांग्रेश कs एजेन्ट बना दिहलें। गर्दन नापे के घोषणा क s दीहलें। एकरा बाद भी करेजा ना ठंढाइल तs संपादक के दौडा-दौडा पीटलन।
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