शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

Dehati Ji

उज्जर कुरता, करिया काम! नाहक में लोगवा बदनाम
-N.D.Dehati
सोमवार की सांझि बेरा गोरखपुर यूनिवर्सिटी चौराहा से पार्क रोड तक एकै चर्चा टांग ले गइलन। दु जने के अपहरण हो गइल। पंद्रह बदमाष रहलन। असलहा की बल पर उठा ले गइलन। भीड़-भाड़ वाला इलाका से अपहरण होत आ लोग टुकुर-टुकुर देखत रहे। काहें टांग अड़ाई भाई। टुच्चन-लुच्चन की चक्कर में षरीफ मनई काहें पड़ी। खैर, 100 नंबर बहुत तेजी देखवलिस। अपाची दस्ता तुरंत पहुंचल। तवले असीम अरुण के सैनिक षहर के चप्पा-चप्पा घेर लिहलन। ष्बचि के बदमाष कहां जाओगे, जाल हम हैं बिछाये...ष् टाइप के गीत गूंजे लागल।
बहरहाल दु घंटा के बाद कैंट थाना में एगो स्कार्पियो घुसल। एगो ष्एगो भलमनईष् दु गो लइकन के पुलिस के सौंप दिहलें। कहलें कि षहर में पर्चा बांटि के सांप्रदायिक सौहार्द खराब करत रहलें। पुलिस के जब दुनों लइकन से पूछताछ शुरू कइलसि त पता चलल, ई दूनो पटरी व्यवसाई नामक संगठन के जीव हवें। अपराध इ बा कि इनकर संगठन जोगी बाबा के पुतला फूंक के प्रेस विज्ञप्ति बांटे खतिर निकरल रहलें। षहर में बाबा के लहर चलेला। दूसर केहू के कइसे चली। जे चलाई, उ पिटाई, टंगाई आ उल्टे आरोप मढ़ाई।
लोग कहता, लोकतंत्र में पीएम से सीएम तक के पुतला रोजे फुंकात बा, एगो एमपी के फुंका गइल त का भईल। अरे भाई! इहे त भ्रम बा। एमपी के बाना बा, बाना में आस्था बा। एमपी क सेना बा, सेना में सैनिक हवें। सैनिकन के काम ह देष के सुरक्षा। अब सुरक्षा में केहु असुरक्षित हो जाव, अगवा हो जाव, टंगा जाव, पिटा जाव त ओकरा भाग्य के दोष कहल जाई। पुलिस स्कार्पियो सवार भमनई लोग पर अपहरण, मारपीट आ धमकी के मामला दर्ज क ले ले बा। आपन बतकही बंद करत इहे कहब- उज्जर कुरता, करिया काम! नाहक में लोगवा बदनाम...

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