एन. डी देहाती‘अलादीन’ के ‘जिन्न’ तूं जिअS सौ साल...............युग-युग जीअS। आगे इ ना कहि सकेलिन ‘बेटा-पतोहु के लुगरी सीअS’। ‘अलादीन’ के ‘जिन्न’ तूं जिअS सौ साल। हर साल करS एगो नया कमाल, नया धमाल। फिल्मी बोतल से निकाल के जिन्न। नया इतिहास रच दS फिन। हमरी पूर्वांचल में कहल जाला- ‘साठा त पाठा’। तूं आठ साल और खींच के जवान लागेलS। तोहरी अड़सठवां जन्म दिन पर हजारन, लाखन, करोड़न बधाई। बड़ा लोग के करोड़पति बनवलS, तनीं हमरो ओर ध्यान दीतS। तूं वाकई में बालीवुड के ‘शाहंशाह’ हवS। हम तोहरी स्टाइल के फैन लरिकइएं से हईं। जब-तब कवनो सिनेमाहाल में तोहार फिल्म लगेला हमके कवनो ‘दीवार’ चाहे ‘जंजीर’ ना रोंक पावल। ‘आंखे’ त फाड़-फाड़ तोहार फिल्म देखलीं। ए छोरा गंगा किनारे वाला तू अड़सठ में भी छोरा बनल रहS। छरकत रहS। हमार बात मानS। हम्मन के ‘कभी अलविदा ना कहना’। ए ‘डॉन’! जब तूं ‘खई के पान बनारस वाला’ हमरी बन्द बुद्धि के बक्शा खोलवा दिहलS हमहूं बहुत दिन ले दोहरवली तोहार उ लाइन- ‘मेरे अंगने में तुम्हार क्या काम है।‘ ‘चीनी कम’ में बड़ा लोग चासनी चाटल। जीभ अब्बो चटर-पटर करत बा। ‘बागवान’ में तS घर-घर के पुरनिया माई-बाप लोग के आंख खुल गइल। का जमाना आ गइल। बाग के मालिक जवन सींचलस, सोहलस, पललस तवने अपनी फूलन के सुगंध से वंचित हो गइलन। ‘पा’ के आरो तोहके का कहीं? अपना बेटा कS बेटा बनि के फिल्म जगत में एगो नया मानदंड स्थापित कS दीहलS। जीवन में बहुत कुछ मिलल। ‘कभी खुशी कभी गम’ मिलल लेकिन निगम होके ईश्वर से तोहरी लंबी उम्र के प्रार्थना करत हईं। जब ‘कुली’ का चोट लगल रहे तब भी हजार हाथ दुआ खातिर उठल रहे। दूनिया में नायक-खलनायक के अभाव ना बा। अभाव बा तS नेक दिल इन्सान के। अइसने अभाव में तू अलादीन के जिन्न अइसन सबकी कामे आवेलS। तोहरी लंबी आयु, सुघ्घर स्वास्थ्य खातिर ईश्वर से प्रार्थना बा।
रविवार, 24 अक्तूबर 2010
‘अलादीन’ के ‘जिन्न’ तूं जिअS सौ साल...............
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